संस्थाएँ

संहिता डेवलपमेंट नेटवर्क में वर्तमान 3 संस्थाएँ सम्मिलित हैं:

  1. संहिता कम्यूनिटी डेवलपमेंट सर्विसेज इस नेटवर्क की आर्थिक सेवायें प्रदान करने वाली शाखा है । इसका पंजीयन 28 सितम्बर 2007 को नॉट-फॉर-प्रॉफिट संस्था के रूप में कंपनी अधिनियम की धारा 25 (अब धारा - 8) के अंतर्गत भोपाल, मध्य प्रदेश में हुआ । संहिता कम्यूनिटी डेवलपमेंट सर्विसेज को गरीब समुदायों को लघु वित्त, लघु उद्योग की सेवायें और वेब आधारित सार्वजनिक बाजार उपलब्ध कराने में विशेषज्ञता है ।
  2. ईक्यूबएच रिसर्च लैब्स प्राइवेट लिमिटेड इस नेटवर्क की प्रौद्यौगिकी सेवायें प्रदान करने वाली शाखा है । इसका पंजीयन 31 अगस्त 2009 को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में नई दिल्ली में हुआ और 11 फरवरी, 2021 को पंजीकृत कार्यालय भोपाल, मध्य प्रदेश स्थानांतरित हुआ । ईक्यूबएच विशेष रूप से गरीब समुदायों को निशुल्क और ओपन सोर्स प्रौद्यौगिकी का प्रयोग करते हुए सॉफ्टवेयर, इंजीनियरिंग और सामाजिक प्रौद्यौगिकी में समाधान प्रदान करती है ।
  3. संहिता डेवलपमेंट नेटवर्क इस नेटवर्क की सामाजिक सेवायें प्रदान करने वाली शाखा है । इसका पंजीयन 15 जुलाई 2011 को नॉट-फॉर-प्रॉफिट संस्था के रूप में कंपनी अधिनियम की धारा 25 (अब धारा - 8) के अंतर्गत नई दिल्ली में हुआ और 4 दिसंबर, 2020 को पंजीकृत कार्यालय भोपाल, मध्य प्रदेश स्थानांतरित हुआ। संहिता डेवलपमेंट नेटवर्क गरीब समुदायों के लिये स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यावरण के क्षेत्र में काम करती है ।

कानूनी संरचना

समाज सेवा को ध्यान में रखते हुए संहिता ने अपने सभी सेवा प्रदान करने वाली संस्थाओं को धारा 25 कंपनी का रूप दिया है । धारा 25 कंपनी विशेष रूप से गैर लाभ के अभिप्राय से किये जाने वाले गतिविधियों के लिये बनाई जाती है और यह कंपनी अधिनियम 1956 के तहत परिभाषित और कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत वैध रूप से विद्यमान है, जिसकी प्रमुख विशेषतायें इस प्रकार से हैं :

  • शेयर धारकों या अंशधारियों को लाभांश वितरित करने की अनुमति नही देता । किसी भी प्रकार की आय कंपनी में ही रहती है और इसका उपयोग केवल कंपनी के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया जा सकता है ।
  • प्रवर्तक या अंशधारक कंपनी के वेतन भोगी नही हो सकते हैं ।
  • उपरोक्त सिद्धांतों की उपेक्षा किसी अन्य संस्थाओं के ग्राहक तथा आपूर्तिकर्ता के माध्यम से नहीं किया जा सकता है जिसमे इसके अंशधारकों का हित सन्निहित हो ।
  • कंपनी “रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी” द्वारा नियंत्रित है, और कंपनी को अपने वार्षिक प्रतिवेदन किसी पेशेवर लेखापरीक्षित कंपनी द्वारा लेखापरिक्षण करवा कर “रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी” के पास प्रस्तुत करना आवश्यक होता है । सामान्यतया यहाँ गैर सरकारी संस्थानों के पंजीकृत होने के अन्य क़ानूनी संरचना के प्रकार की अपेक्षा बहुत अधिक पारदर्शिता, जवाबदेही ओर वृत्तिदक्षता का उपयोग होता है ।
  • कंपनी बंद होने की स्थिति में कंपनी की सम्पत्ती को केवल समान उद्देश्यों को लेकर काम करने वाले संगठन को ही हस्तांतरित किया जा सकता है ।

भारतीय रिजर्व बैंक के साथ पंजीकरण की आवश्यकता से छूट

भारतीय रिजर्व बैंक, अपने द्वारा जारी परिपत्र "भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम के प्रावधानों से छूट", परिपत्र क्रमांक 1934 RBI/2011-12/22 DNBS.PD. CC.No.228 /03. 02.004 / 2011-12 (July 1, 2011), के तहत संहिता कम्युनिटी डेवलपमेंट सर्विसेस को भारतीय रिजर्व बैंक के साथ पंजीकरण की आवश्यकता से छूट देती है ।

अधिसूचना विशेष रूप से निम्नलिखित बातों को स्पष्ट करती है (अंग्रेजी से हिन्दी अनुवाद):

2 (iii) माईक्रो फाईनांस (लघु वित्त) कम्पनियाँ भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 (1934 का 2) की धारा 45IA, 45IB और 45IC उन गैर - बैंकिंग वित्तीय कंपनियों पर लागू नहीं होगी जो
  1. किसी गरीब व्यक्ति को व्यवसाय करने या व्यवसाय को बढ़ने के लिए अधिकतम रुपये 50,000 और घर बनाने के लिए अधिकतम रुपये 1,25,000 ऋण देते हों जिससे उसकी आमदनी और जीवन स्तर में विकास हो सके, और
  2. जो कंपनी अधिनियम 1956 की धारा 25 के अंतर्गत पंजीकृत हो, और
  3. नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कम्पनीज एक्सेप्टेंस ऑफ़ पब्लिक डिपाजिट (भारतीय रिजर्व बैंक) के निर्देश 2016, अनुच्छेद 3 के उप-अनुच्छेद (xiii) के स्पष्टीकरण के अनुसार लोगों से किसी प्रकार का जमा स्वीकार नहीं करती हो।

संहिता कम्युनिटी डेवलपमेंट सर्विसेस उपरोक्त सभी शर्तों की पूर्ति करती है ।